Category: Ancient Indian Science
Layer of Atmosphere वायवायाहि दर्शतेमे सोमा अरंकृता: | तेषां पाहि श्रुधि हवम् ||ऋ० १|२|१|| Atmosphere There is nothing which so beautifully illustrates the bounteous dispensation or providence in Nature, as the atmosphere, which surrounds our earth to a certain height...
सूर्य नमस्कार का वैज्ञानिक स्वरूप सूर्य नमस्कार संसार में प्रचलित व्यायामों में सर्वश्रेष्ठ और सबके करने योग्य पूर्ण वैज्ञानिक व्यायाम ‘सूर्य नमस्कार’ हैं। इसे बालक-वृद्ध, स्त्री-पुरुष सभी कर सकते हैं । आयुर्वेद तो अपने जन्मकाल से ही सूर्य को आरोग्य...
1 जनवरी का सम्पूर्ण इतिहास कब, क्यों व कैसे मनाएं नववर्ष 1 जनवरी आज का लेख नए वर्ष की बधाई के साथ-साथ 1 जनवरी का पूरा इतिहास खोल कर रख देगा। सृष्टि को बनाये कितने वर्ष हुए है जैसा कि...
आर्य समाज के बारे में भिन्न-भिन्न धारणाएं आर्यसमाज के विषय में आज लोगों में भिन्न-भिन्न प्रकार की भ्रान्तिया है। कुछ लोगों का मानना है की आर्यसमाज नास्तिक संगठन है जो ईश्वर को नहीं मानते । मूर्ति-पूजा के विरुद्ध है । आर्य समाज...
मोक्ष प्राप्ति क्या है इसे कैसे प्राप्त करें स्वभाव से अल्पज्ञ जीवात्मा अविद्यावश प्रकृतिपाश अर्थात जन्म और मृत्यु के चक्र में फँसता है और कर्मानुसार विभिन्न योनियों (शरीरों ) को धारण करता है। ईश्वर की व्यवस्था में बंधा हुआ जीवन...
सृष्टि उत्पत्ति से अब एक-एक दिन और काल का पूर्ण निचोड़ मानव सृष्टि के साथ ही ईश्वर ने चार ऋषियों को वेद का ज्ञान दिया और तभी से यह संवत चला। चूँकि आर्य लोग आदि मानव संसार के आदि आर्य...
RAJA BHOJ , MAHABHARAT SHIVA-PURAN Markandeya and Shiva Purans :- Raja Bhoj :- Some men wrote the Markandeya Purana and Shiva Purana in the time of Raja Bhoja/Raja Bhoj under the nom de plume of Vyasa. When the Raja...
पुनर्जन्म वैदिक सिद्धांत के अनुसार आत्मा अपने कर्मो के अनुसार शरीर बदलता रहता है। सभी शरीरो मे मात्र मनुष्य ऐसा शरीर है जिसमे आत्मा कर्म करने मे स्वतंत्र है। इस शरीर मे जहा वह अपने पिछले किये कर्मो का फल...
विमानशास्त्र vimana shastra राष्ट्र मे ही विज्ञान और कला का अरुणोदय देखा। यह निश्चय है की जितनी विद्या और मत भूगोल में फैले है। वे सब आर्यावर्त देश से ही प्रचारित हुए है। यहाँ तोप व वायुयान भौतिक विद्या शिखर पर...
The Galaxies in The Vedas The galacies are also inhabitants of space. They are greater in number. Regveda (10.68.11) gives a very clear picture of galaxies. The Verse reads thus : “Abhishyayam na krishmebhirasvam maksatrebhit pitaro dyam...