1 जनवरी का सम्पूर्ण इतिहास कब, क्यों व कैसे मनाएं नववर्ष 1 जनवरी आज का लेख नए वर्ष की बधाई के साथ-साथ 1 जनवरी का पूरा इतिहास खोल कर रख देगा। सृष्टि को बनाये कितने...
विदुर नीति श्लोक हिंदी अनुवाद :- विदुर नीति :- द्वा:स्थं प्राह: महाप्राज्ञो महीपति: । विदुरं द्रष्टुमिच्छामि तमिहानय मा चिरम् ।। महाराज घृतराष्ट्र ने द्वारपाल से कहा कि मैं महात्मा विदुर को देखना चाहता हूँ अर्थात्...
चाणक्य नीति हिंदी अनुवाद में पढ़े चाणक्य नीति हिंदी आत्माऽपराधवृक्षस्य फ़लान्येतानि देहिनाम् । दारिद्यरोगदु:खानि बन्धनव्यसनानि च ।। दरिद्रता, रोग, दुःख और बंधन तथा व्यसन आदि- ये सब मनुष्य के अधर्म रूपी वृक्ष अर्थात् शरीर के...
Chanakya Neeti (चाणक्य नीति ) :- हिंदी अनुवाद Chanakya Neeti अनित्यानि शरीराणि विभवो नैव शाश्वत: । नित्यं सन्निहितो मृत्यु: कर्त्तव्यो धर्मसंग्रह: ।। यह शरीर नाशवान है, धन संपत्ति भी चलायमान हैं, मृत्यु सैदव निकट रहती...
Chanakya Niti Sloka (चाणक्य नीति श्लोक):- हिंदी व्याख्या Chanakya Niti Sloka 61. शुचिर्भूमिगतं तोयं शुद्धा नारी पतिव्रता । शुचि: क्षेमकरो राजा संतोषि ब्राह्मण: शुचि: ।। पृथ्वी के भीतर से निकलने वाला पानी पवित्र होता है।...
चाणक्य नीति श्लोक (Chanakya Niti Shlok):- हिन्दी व्याख्या चाणक्य नीति श्लोक – 41. बाहुवीर्यं बलं राज्ञो बब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली । रुपयौवनमाधुर्यं स्त्रीणां बलमुत्तमम् ।। राजा की शक्ति उसकी भुजाओं में, विद्वान का बल उसके ज्ञान...
चाणक्य नीति (chanakya niti): (हिंदी व्याख्या सहित) 21. जनिता चोपनेता च यस्तु विद्यां प्रयच्छति | अन्नदाता भयत्राता पञ्चैते पितर: स्मृता: || जन्म देने वाला पिता, यज्ञोपवित कराने वाला गुरु, विद्या देने वाला अध्यापक, अन्न...
क्लेश योगदर्शन में पांच प्रकार के बताए हैं- अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष तथा अभिनिवेश । इनमे अविद्या ही बाकी चार क्लेशों की जननी है। अविद्या-चार प्रकार की है। एक-नित्य को अनित्य तथा अनित्य को नित्य...
आर्य समाज के बारे में भिन्न-भिन्न धारणाएं आर्यसमाज के विषय में आज लोगों में भिन्न-भिन्न प्रकार की भ्रान्तिया है। कुछ लोगों का मानना है की आर्यसमाज नास्तिक संगठन है जो ईश्वर को नहीं मानते । मूर्ति-पूजा ...
मोक्ष प्राप्ति क्या है इसे कैसे प्राप्त करें स्वभाव से अल्पज्ञ जीवात्मा अविद्यावश प्रकृतिपाश अर्थात जन्म और मृत्यु के चक्र में फँसता है और कर्मानुसार विभिन्न योनियों (शरीरों ) को धारण करता है। ईश्वर की...
सृष्टि उत्पत्ति से अब एक-एक दिन और काल का पूर्ण निचोड़ मानव सृष्टि के साथ ही ईश्वर ने चार ऋषियों को वेद का ज्ञान दिया और तभी से यह संवत चला। चूँकि आर्य लोग आदि...
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