Category: Freedom Fighter Of India
देशभक्तों के बलिदान
उग्रा हि पृश्निमातर: ॥ ( ऋ. १ । २३ । १० )
अर्थात (पृश्निमातर:) देशभक्त (हि) सचमुच (उग्रा:) तेजस्वी होते है। ऐसे ही कुछ तेजस्वी देशभक्तों के जीवन परिचय से युक्त लेख यहाँ प्रस्तुत किए गए है। देशभक्तों के बलिदानों को पढ़कर उनसे प्रेरणा लेते रहने से आत्मसम्मान, आत्मगौरव और स्वदेशाभिमान सदा वृद्धि को प्राप्त होकर हमारे परिवार, समाज व राष्ट्र की सदा ही सर्वत्र उन्नति व जय होती है। भारत माता की जय! वन्दे मातरम!
भरद्वाज ऋषि :- आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान के प्रणेता आयुर्वेद जगत में अश्वनीकुमार और धन्वन्तरी को देव पुरुष और अवतार माना जाता है । इस दृष्टि से भरद्वाज प्रथम मानव व्यक्ति थे। इन्होने आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान का विधिवत् अध्ययन कर संसार...
महर्षि कपिल कृत सांख्यशास्त्र कितना महत्वपूर्ण हैं ? भारत में विश्व रचना विज्ञान के प्रवर्तक महर्षि कपिल थे उन्होंने ही सर्वप्रथम विश्व रचना का रसस्य व्यवस्थित रूप में बताया था । वे मनु के वंशज माने जाते हैं । उनकी...
Dayanand Works done for the Society Dayanand wrote the following books for the benefit of posterity. Yajurved Bhashya And Rigveda Bhashya The Yajur Ved Bhashya is complete : but Rig Veda Bhashya is upto Chaoter VII-61-2. The rest of Bhashya...
शुद्धि आन्दोलन के संस्थापक एवं संचालक स्वामी श्रद्धानंद स्वामी श्रद्धानंद का जन्म जालंधर जिले के तलवं स्थान में सन १८५६ ई. में हुआ था ।पुरोहित ने जन्म का नाम बृहस्पति रखा पर पिता लाला नानकचन्द्र ने इनका मुंशीराम नाम रखा...
छत्रपति शिवाजी का पराक्रम भारत में समय समय पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया हैं । छत्रपति शिवाजी भी उनमें से एक थे । शिवाजी का जन्म 10 अप्रैल १६२७ ई० में हुआ था । उनके पिता का शाहजी व...
Rishi Bankim Chandra Bankim Chandra Chatterji There are many who, lamenting the by-gone glories of this great and ancient nation, speak as if the Rishi of old, the inspired creators of thought and civilization. Was a miracle of our heroic...
Early life of Dayanand Saraswati as a Reformer of Arya Samaj Mulshankar was born in 1824 A.D. in the house of Karasanji, a wealthy man in the town of Tankara, Kathiawar, who held the office of Revenue Collector. Karasanji was...
वेदों में वर्णित स्त्री के तीन स्वरूप स्त्री के स्वरूप वेदों तथा आर्य शास्त्रों में स्त्री के तीन स्वरूप दर्शाएँ गए है ये है:- कन्या, वधू या पत्नी तथा देवी या माता । कन्या के रूप में स्त्री कन्या का...
गाँधी वध के बाद भी देश क्यों बटा गाँधी वध पर न्यायालय का फैसला न्या. श्री आत्माचरण अपने आसन पर विराजमान हुए थे। कठघरे में अभियुक्त अपने-अपने स्थान पर बैठे थे । दोनों पक्षों के अधिवक्ता उपस्थित थे । मुखपत्र...
चाणक्य कालीन सम्पूर्ण इतिहास चाणक्य गंगा नदी के तट पर पाटलीपुत्र नाम का शहर बसा था। इसे कुसुमपुर भी कहते थे । ग्रीष्म की भरी दोपहरी में इस शहर में एजक सभामंड़प के सामने से एक आदमी जा रहा था।...