Category: Health Tips In Hindi
दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ? दिनचर्या स्वास्थ्य के विचार से दिन रात में क्या काम, कैसे और कब करना चाहिए इसके कुछ नियम प्राचीन कल से ही भारतीय जीवन परम्परा में चले आ रहे हैं आज आधुनिक युग में लोग...
Sandhya Vidhi (संस्कृत अनुवाद) प्रथम शरीर शिद्धि अर्थात स्नान पर्यन्त कर्म करके संध्योपासना का आरंभ करें। आरम्भ में हस्त में जल लेके-sandhya vidhi ओम अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा।।१।। www.vedicpress.com san dhya vidhi ओम अमृतापिधानमसि स्वाहा।।२।। sandhya vidhi ओम सत्यं यश: श्रीर्मयि श्री: श्रयतां स्वाहा ।।३।।...
बच्चो की देखभाल कैसे करे ताकि वे शारीरिक और मानसिक रोगी न बने बच्चों की देखभाल कैसे करे जो बच्चा जितना अधिक स्वस्थ होता है वह उतना ही सुन्दर व आकर्षक लगता है और उसकी लम्बाई भी उम्र के साथ...
खासी के कारण, प्रकार और उपाय खासी एक भयानक रोग है। अगर खासी का समय रहते इलाज नही हो पाता तो यह भयंकर रोग बन जाता है। बहुत कड़े परहेज करने पर पुरानी खासी में आराम मिलता है। खाँसी एक...
मन्दाग्नि का रामबाण इलाज मन्दाग्नि का अर्थ है- परिपाक-शक्ति का कमजोर होना । जिन-जिन कारणों से खाया हुआ भोजन पाक होता है, उन-उन कारणों में गड़बड़ी पैदा हो जाती है, जिससे भोजन का अच्छा परिपाक नहीं होता। इसी का नाम...
बच्चों को पालन-पोषण कैसे करें ताकि बच्चे शूरवीर बने बच्चों का पालन-पोषण करें इस संस्कार और मर्यादा वाली परिपाटी हम भूल चुके है। आज हम अपने सभी संस्कारो को भूल चुके है। सिर्फ अंतिम संस्कार को छोड़कर। वह माता...
क्लेश योगदर्शन में पांच प्रकार के बताए हैं- अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष तथा अभिनिवेश । इनमे अविद्या ही बाकी चार क्लेशों की जननी है। अविद्या-चार प्रकार की है। एक-नित्य को अनित्य तथा अनित्य को नित्य मानना, शरीर तथा भोग के...
गाय के घी से बना सर्वोतम तेल नवजात शिशु के लिए अत्यंत लाभदायक नवजात शिशु की मालिश क्यों जरूरी है व किस तेल से करनी चाहिए ?? आज के परिवेश में बच्चों के शारीरिक व...
मन मन आत्मा का साधन है। इसके द्वारा ही आत्मा की इच्छित क्रियाएं होती है। आत्मा का मन से, मन का इन्द्रियो से ओर इन्द्रियो का विषयो से (बाहरी संसार से) सम्पर्क होने पर ही आत्मा को ज्ञान तथा उसकी...
पुनर्जन्म वैदिक सिद्धांत के अनुसार आत्मा अपने कर्मो के अनुसार शरीर बदलता रहता है। सभी शरीरो मे मात्र मनुष्य ऐसा शरीर है जिसमे आत्मा कर्म करने मे स्वतंत्र है। इस शरीर मे जहा वह अपने पिछले किये कर्मो का फल...